Friday, July 13, 2012

क्या आप जमालघोंटे का पता जानते है ?

क्या आप जमालघोंटे का पता जानते है ? क्या कहा हा . अरे भईया तो देर किस बात का कर रहे है. बलाग जगत मे आईये ना हिया एक ठू झोलाचाप कब्ज रोगी बैठा है जो पूरे बलागिस्तान को गन्धवाये है इसको पिलाईये. बलाग्जगत आपके परोपकार को नाही भुलेगा. एक बात अऊर हम बताई ई जवन है बतिया मीठी करता है लेकिन है उतना ही कमी.... शैतान है, जऊन धरम के अपने जेबा मे धर लिया है और ईमान की बातन मे शैतानियत घुसेड दे रहिल है. तो लै आवा जमाल्घोंटा अऊर पियाए दीन जाय ससु... के चोंगा लगाय के.....

Saturday, June 2, 2012

यदुकुल की गौरव और प्रेरणास्रोत : माडल् निशा यादव



आजकल यदुकुल बम बम है क्यो न हो भाई सारे यदुबंसी गदर जो काटे है. लोग कहते थे कि इक्कीसवी सदी आ रही है धीरे धीरे जाति धरम के आधार पर नही वरन व्यक्तिगत गुणो के आधार पर लोग जाने जायेगे किंतु यहा बलागिस्तान मे हमने देखा कि एक बलागर महोदय (जो प्रतिष्ठित् बलागर दम्पत्ति के पूज्य पिताश्री है) जातिवादिता  का कूद कूद कर गुणगान कर रहे है.
 यदुकुल बनाकर यादवो को समर्पित कर दिये है. राजा भिल्लम से लेकर पंकज यादव तक जो संसार मे हो रहा है सिद्ध करने की कोशिश है कि यादवो का ही किया धरा है. हम तो देखतै ही जरि बुताने. ई करम तो जिन्ना अऊर अनवर जमाल किये याकि ये बुजुर्ग जी. लेकिन साब किय तो किया अब्बै तो सरकार भी है इनकी. सईया भये कोतवाल तो डर काहे का. लेकिन एक बात समझ मे नही आयी ई निशा यादव को काहे भुलाये गये. उहौ ति बडा जस फैलाये रही है दुनिया मे अपनी नंगई और बहचरीपन के कारण. गर्व करिये साहब कि यदुकुल मे ऐसी माडल भी है जो गौरव और प्रेरणास्रोत बन सकती है. खैर मै आपको ध्यान दिला रहा हू कि जाति वाद फैलाने का काम बन्द कीजिये तो बडा अच्छा होगा. आपकी तो बीत गयी है आने वाली पीढियो के वास्ते कुछ विचार परिवर्तन कीजिये.
आपकी महती क़ृपा का आकान्क्षी
सूर्यभान चौधरी.
(यदुकुल गौरव की फोटू काटे के लगावा है. पूरी लगाना सभ्यता के विपरीत है.शायद यह संकेत पर्याप्त होगा.)

Friday, July 1, 2011

महगाई डायन से बचने के चंद रामबाण नुस्खे

आज हम जो नुस्खा बताने जा रहे है उसके लिए  कांग्रेसी बलागर और बलागिराओं से माफी. काहेकी तुलसी बाबा ने भे पहले ऐसों खुरापातियों की बंदना की ताकी उनका काम सुचारू ढंग से चल पाए . हां तो साहिबान मै महगाई से तुरत निदान की बात कर रहा हूँ. गर किसी को आपत्ति हो (हो तो ठेंगे से ) तो रत्ती भर पानी में चायपत्ती मिला कर बिना चीनी की चाय का पान कर ले सस्ते में चायपान से मूड ठीक हो जाएगा. तो मै मुद्दे पर आता हूँ.
१.मोटरसाइकिल की कीमत ४ लाख ,टाटा नैनो की कीमत 10 लाख और इसी अनुपात में गाडियों के दाम बढ़ा दिए जाय.
२. सिगरेट शराब गुटखा जैसे पदार्थों पर १००० गुना टैक्स आरोपित कर दिए जाय.
३.पेट्रोल की कीमते जब बढ़ती है तो उसका ४० परसेंट सरकारी खाते में जाता है वह ४० परसेंट रेडयूस कर दिया जाय.
४.संसद और विधानसभाओं की सुविधाओं में सहन सीमा तक कटौती की जाय.
५.मोबाइल सेट के दाम ५०० गुना किये जाय. 
६. सरकारी बीमार योजनाओं को तुरत बंद कर देना चाहिए. 
इनसे उत्पन्न आय तुरंत महगाई कमकरेगी. इसके साथ पर्यावरण और सामाजिक प्रदूषण भी कम होगा. 

झौवा  भर सुझाव के आगत के स्वागत में पलक पवाडे बिछाए...............सूर्यभान चौधरी 

Tuesday, June 21, 2011

बाबा रामदेव बनाम बाबा राहुल

कांग्रेस पार्टी ने आजकल बाबा  लोगों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पर भैये इसे राहुल बाबा नहीं दिख रहे है. अरे भाई चौंके न राहुल जी तो अभी भी बाबा ही है न  ही ही ही. ४१ साला बाबा. बाबा वैसे पिता के पिता को कहते है. अपने दिग्गू भाई बोल दिए है की राहुल वह  युवा नेता है जिनमे पी एम् बन्ने के सारे लच्छन मौजूद है. सो बुढऊ मनमोहन जी की शायद मियाद पूरी होने को है. अब बाबा रामदेव की दाढी लाख काली हो पर वह  राहुल बाबा के रंगे पुते बालो के आगे थोड़ी ठहर सकते है. अब आप समझे के बाबा रामदेव क्यों दिल्ली से भगाए गए थे. अरे भाई पी एम् इन वेटिंग वाले बाबा को पी एम् को लपेटिंग वाले बाबा से डाह हो गया था. इस देश में एक ही बाबा होगा और वह होगा राहुल बाबा न की रामदेव बाबा. एक जंगल में दो ठू शेर थोड़े रह सकते है. अन्ना जी तो इसलिए बख्शे जा रहे है क्योंकि राहुल बाबा अभी अन्ना नही बने है मुला अन्ना  बन्ने की झक सवार होने वाली है. अन्ना हजारे को सावधान हो जाना चाहिए. एक साथ बाबा और अन्ना दोनों बनेगे अपने राहुल जी. फिर का होगा अरे होगा का ऊ जो है न वेरोनिक्वा अरे उही जो कोलंबिया वाली है सोनिया के बाद बनेगी गाडमदर . अब बालीवुड तेरा क्या होगा. खैर अभी तो मै सोच रहा हूँ की भारत तेरा क्या होगा.

Friday, May 27, 2011

आड़ में लिया जाने वाला मजा गाढा मजा होता है

मौज मजे के कई रूप रंग होते है जो जन साधारण के आनंद का विषय होते है. किन्तु आज पाठको के वास्ते गाढ़ा मजा पेश कर रहा हूँ मुलाहिजा फरमाइयेगा(न फर्मायेगे तो भी हमार का कर लेगे ही ही ही). ये गाढ़ा मजा तब उत्पन्न होता है जब कोई काम आप आड़ में करते हो. मसलन अभी लखनऊ में कुछ बड़े ब्लागरों ने एक शैक्षिक समारोह की आड़ में सम्मान वाला परोगराम करा कर गाढे मजे का आनंद प्राप्त किया था. सुरेश कलमाड़ी गेम की आड़ में गाढ़ा मजा काटे. किन्तु अब सारे कामनवेल्थ गेम से सम्बंधित भ्रस्टाचारी कलमाडी की आड़ में गाढा मजा ले रहे है. बलागिंग तो खैर आभासी आड़ है ही भी बलागर एंड बलागिरायें इसी आभासी आड़ में गाढे मजे को प्राप्त हो रहे है.रात तो इसीलिये बनी ही है की उसकी आड़ में दुनिया के सारे चोर उचक्के कुकर्मी लुच्चे गाढ़े मजे की और उन्मुख हो. जनता हित की आड़ में (कु)नेता लोग कैसे गाढा मजा ले रहे है यह तो सबको विदित ही है.
तो साधो भाइयो  मजे मौज की कथा अब आऊट डेटेड हो गयी है अब जमाना गाढे मजे का है.

Friday, May 20, 2011

भूलन ने चंचाली की मौज ले ली: अब पाठक न्याय करें

आज आप लोगों को एक सत्य घटना सुनाता हूँ . एक ठू रहे भूलन एक ठू रही चंचाली. दुन्नाऊ में गहरा प्रेम रहा. भूलन अच्छे अच्छों की मौज ले लेते थे. उनके मौज लेने में कोई बुरा भी नही मानता था. एक दिन चंचाली बड़े लाड में भूलन से बोली, सुनो चौधरी आज एक बात मन में आयी है. तुम सकी मौज लेते हो एक दिन मेरी भी मौज लो ना प्लीज़. भूलन मुसुकाते बोले धत घर में मौज नही ली जाती. बाहर ही ठीक. पर चंचाली ने त्रियाहठ पकड़ लिया. अंत में भूलन पतिधर्म निभाते हुए बोले, ठीक है ले लेंगे. चंचाली खुशी खुशी अपने काम में लग गयी.
इस बात को लगभग एक महीना बीत गया. भूलन कुछ बीमार से महसूस करने लगे. चंचाली ने जब पूछा तो बोले बैद्य जी को दिखाने गया था बोले शरीर में नमक जादा हो गया है. दो तीन दिन बाद भूलन खटिया पकड़ लिए. अब चंचाली चिंतित हो गयी. उसने अपने मायके से अपने भाई नन्हकू को बुला लिया. बड़े चिंतातुर होकर नन्हकू ने पूछा की जीजा क्या बात है, भूलन बोले क्या बताये रात में एक चुड़ैल आती है और मेरी पीठ चाटने लगती है. मेरे दात जम जाते है और बेहोशी छाने लगती है. तुम्हारी बहन से कह भी नही सकता. नन्ह्कुआ वीरोचित भाव लाते हुए बोला, जीएजा तनिको चिंता न करो आजै रात माँ ससुरी को पकड़ के न पटका तो तुम्हार साला नही.भूलन बोले ठीक. शाम को भूलन चंचाली से बोले जरा रात में मेरी पीठ चाट के बताना कि क्या वाकई नमक जादा हो गया का ? चंचाली बोली ठीक.
अब जब रात हुयी भूलन खटिया पे पड़ रहे. नन्हकू  एक झौवे में जलता दिया रख कर खटिया के पीछे छिप गया. रात में अल्प्वस्त्र धारण किये हुए चंचाली आयी और भूलन का चादर हटाकर जैसे ही पीठ चाटने लगी तड से नन्ह्कुआ कूदा और चंचाली को उठा कर पटक दिया मुश्कें कसते हुए भाति भाँती की गाली देते हुए बोला, ससुरी जीजा को परेशान करने आये थी. इतने में भूलन उठे और दिए पर से झौवा हटा दिया. प्रकाश में जैसे ही नन्हकू ने अपनी बहन को देखा बड़ी जोर से भूलन की अम्मा दईया करते हुए वहा से भगा. चंचाली भी भागी. कुछ दूर जाकर वे दोनों भूलन की सात पुश्तों को तारने वाली गाली देने लगे.
सुबह नन्हकू ने पंचायत बुलाई

अब मै सभी पाठको पर छोड़ता  हूँ कि वे निर्णय करे कि न्याय की क्या मांग है.




Wednesday, May 18, 2011

टरई न टारे मटरुआ चाहे भुईं गड़हा होई जाय.

बस्ती जिले में एक कहावत है की टरई न टारे मटरुआ चाहे भुईं गड़हा होई जाय. कहावते सार्वभौमिक होती है. चलिए इस कहावत का मतलब बता दें. माने कि हम जहा खड़े है वही खड़े रहेगे चाहे जमीन में गड्ढा क्यों न हो जाय. किसी के हटाये नही हटेगे. ब्लागिस्तान में गड़हा खुद रहा है और मटरू भाई कह रहे है कि गडहे में कूदी जैबे मुला एक बार में दस ठू पोस्ट लिखी से बाजू न आयेगे. ये मटरू भाई का ही कमाल है कि दिना भर कम्पूतरवा के चोंच से चोंच भिडाये रहते है कि कब टिप्पणी रूपी चारा दिखे और गड़प कर जाय. एक मटरू ने बाकायदा टिप्पणी का बगीचा तक उगा डाला है. ऐसे ही सभी लोग बगीचा उगाते रहे तो ब्लॉग दुनिया हरी भरी हो जायेगी और ग्लोबल वार्मिंग ख़तम.
अरे मटरूओं जो हियाँ स्क्रीनिया माँ दिन भर घुसे रहते हो उसका अध हिसा समय अपने आस पास कि समस्यायों को देखने और विचार करने में लगाओ तो बात बने. तुम लोग आब्सर्व तो करते हो पर सारा आब्जर्वेशन पोस्ट की टिप्पणी में घुस जाता है. सो जरा बलाग, फेसबुक ऑरकुट चिरकुट से बहार आओ. देखो कि कित्ता बड़ा गड्ढा खुद गया है इस समाज में. आभासी से वास्तविकता कि और चलो जवानो.
                                                                  सूर्यभान चौधरी