Friday, May 20, 2011

भूलन ने चंचाली की मौज ले ली: अब पाठक न्याय करें

आज आप लोगों को एक सत्य घटना सुनाता हूँ . एक ठू रहे भूलन एक ठू रही चंचाली. दुन्नाऊ में गहरा प्रेम रहा. भूलन अच्छे अच्छों की मौज ले लेते थे. उनके मौज लेने में कोई बुरा भी नही मानता था. एक दिन चंचाली बड़े लाड में भूलन से बोली, सुनो चौधरी आज एक बात मन में आयी है. तुम सकी मौज लेते हो एक दिन मेरी भी मौज लो ना प्लीज़. भूलन मुसुकाते बोले धत घर में मौज नही ली जाती. बाहर ही ठीक. पर चंचाली ने त्रियाहठ पकड़ लिया. अंत में भूलन पतिधर्म निभाते हुए बोले, ठीक है ले लेंगे. चंचाली खुशी खुशी अपने काम में लग गयी.
इस बात को लगभग एक महीना बीत गया. भूलन कुछ बीमार से महसूस करने लगे. चंचाली ने जब पूछा तो बोले बैद्य जी को दिखाने गया था बोले शरीर में नमक जादा हो गया है. दो तीन दिन बाद भूलन खटिया पकड़ लिए. अब चंचाली चिंतित हो गयी. उसने अपने मायके से अपने भाई नन्हकू को बुला लिया. बड़े चिंतातुर होकर नन्हकू ने पूछा की जीजा क्या बात है, भूलन बोले क्या बताये रात में एक चुड़ैल आती है और मेरी पीठ चाटने लगती है. मेरे दात जम जाते है और बेहोशी छाने लगती है. तुम्हारी बहन से कह भी नही सकता. नन्ह्कुआ वीरोचित भाव लाते हुए बोला, जीएजा तनिको चिंता न करो आजै रात माँ ससुरी को पकड़ के न पटका तो तुम्हार साला नही.भूलन बोले ठीक. शाम को भूलन चंचाली से बोले जरा रात में मेरी पीठ चाट के बताना कि क्या वाकई नमक जादा हो गया का ? चंचाली बोली ठीक.
अब जब रात हुयी भूलन खटिया पे पड़ रहे. नन्हकू  एक झौवे में जलता दिया रख कर खटिया के पीछे छिप गया. रात में अल्प्वस्त्र धारण किये हुए चंचाली आयी और भूलन का चादर हटाकर जैसे ही पीठ चाटने लगी तड से नन्ह्कुआ कूदा और चंचाली को उठा कर पटक दिया मुश्कें कसते हुए भाति भाँती की गाली देते हुए बोला, ससुरी जीजा को परेशान करने आये थी. इतने में भूलन उठे और दिए पर से झौवा हटा दिया. प्रकाश में जैसे ही नन्हकू ने अपनी बहन को देखा बड़ी जोर से भूलन की अम्मा दईया करते हुए वहा से भगा. चंचाली भी भागी. कुछ दूर जाकर वे दोनों भूलन की सात पुश्तों को तारने वाली गाली देने लगे.
सुबह नन्हकू ने पंचायत बुलाई

अब मै सभी पाठको पर छोड़ता  हूँ कि वे निर्णय करे कि न्याय की क्या मांग है.




3 comments:

  1. हा हा हा हा क्या कहूं अरे बाबा रे मै भी व्यंग्य लिखता हूं और आम तौर पर कमेंट अभिलाषी भी नही रहता पर आपके अजीबो गरीब कमेंट को देख मन मे आया देखे तो ये सज्जन कौन है यहा आकर इस औघड़ हास्य को देख तबीयत हरी हो गयॊ वाह

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  2. बढ़िया लिखे भईया.. :)

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