Tuesday, May 10, 2011

ब्लागिंग से घटती कार्यक्षमता और बढ़ता मानसिक तनाव(ब्लोमेयोपिया)

ब्लागिंग से सम्बंधित एक सर्वे में यह निष्कर्ष सम्मने आया है ....

१. कार्यस्थल पर व्यक्ति के पास उपलब्ध नेट का अधिकतम इस्तेमाल ब्लागिंग में किया जाता है फलतः व्यक्ति का सारा ध्यान कार्य की और न होकर ब्लाग और उस पर आयी टिप्पणियों की तरफ होता है.
२. २४ घंटे में व्यक्ति १८ घंटे ब्लाग और उससे जुड़े मुद्दों के बारे में सोचता रहता है
३. ब्लागिंग के चलते गुटबाजी होने से व्यक्ति के मन में असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है.
४. व्यक्ति के आँखों पर लगे चश्मे का नंबर बढ़ता जा रहा है.
५. ब्लागिंग में डूबे रहने की वजह से घरेलू और सामाजिक विवाद बढ़ रहे है.
६. ईट  ब्लागिंग  ड्रिंक ब्लागिंग की वजह से एक नया रोग सामने आ रहा है जिसे वैज्ञानिको ने "ब्लोमेयोपिया" का नाम दिया है.
७.ब्लोमेयोपिया के वायरस फैलाने और लोगो को रोगग्रस्त बनाने का कार्य सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है इसमें उन ब्लागरो को लगाया गया है जो अमेरिका और अरब देशो से चंदा प्राप्त करते है.

अंत में सनद रहे की ब्लागिंग परमाणु ऊर्जा की तरह है इसका सदुपयोग मानवता को विकास के चरम तक पंहुचा सकता है लेकिन यदि इसका दुरुपयोग करके ब्लोमेयोपिया को फैलाया गया तो यह आभासी के साथ वास्तविक दुनिया को नष्ट कर डालेगा.  

10 comments:

  1. हर चीज के अच्छे और बुरे दोनों पहलू मौजूद हैं।

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  2. जिसे वैज्ञानिको ने "ब्लोमेयोपिया" का नाम दिया है.......

    कौन हैं ई वैज्ञानिक ..इन सबके ब्लॉग खुलवाईए तो ..और फ़िर एक महीने के बाद ..दोबारा से सर्वेक्षण कराइए ..देखिए केतना गज्जबे रिजल्ट निकालेंगे ई लोग

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  3. ये सर्वे कहाँ करवाया है जनाब....हमारे पास फार्म ही नहीं आया. :)

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  4. ये सर्वे उसी कंपनी ने कराया है जो बिना किसानो से मिले कुल उपज बता देती बिना मतदाता से मिले एक्सिट पोल कराती है. बिना जनता से मिले उनके राय जानने का दावा करती है.
    समीर जी फार्म भेजने की जरूरत ही नही है यह तो अवलोकन पर आधारित सर्वे है

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  5. दूसरों को अपने से ऊंचा पाकर उन्हें कैसा लगता है जिनके ‘गुरू‘ गोहत्यारे विदेशयों की चरण सेवा करने वाले अपने शिष्यों से वसूली करते हुए सर्वत्र घूम रहे हैं ?
    अपना तनाव घटाने के लिए इन गुरूओं के ‘सफ़ेद चंदाग्रस्त धन‘ पर ध्यान देना एक उत्तम उपाय है मिश्रा जी ।
    यहां से कमेंट मिटाओगे तो कहीं और से यह पूरी पोस्ट बनकर चमकेगा।
    लिहाज़ा .....

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  6. दिनेश राय जी की बातों से पुरी तरह से सहमत।

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  7. @anwer jamal
    tum nafarat aur moorkhta me andhe ho chuke ho

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  8. हम तो सचमुच में डर गए हैं
    डर गहरा रहा है
    पहले अंग्रेजी ब्‍लॉगिंग से
    लग रहा था
    अब हिन्‍दी से भी
    लग रहा है।
    बचाओ ...................... ओ ओ ओ ...........

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